Current news & Rumours in the mkt

praveen taneja

Well-Known Member
Pope Francis, PONTIFF OF FIRSTS, breaks tradition

The newly elected Pope Francis has made history in more ways than one. Being dubbed as the 'Pontiff of Firsts', Jorge Mario Bergoglio is the first non-European leader of the world's 1.2 billion Catholics in more than 1,000 years.

An Argentine, he is first pope to be elected from Latin America.

Francis, who was the Archbishop of Buenos Aires, is the first pope not born in Europe since Columbus alighted in the New World.
 

praveen taneja

Well-Known Member
Petrol prices may be cut by Re 1; diesel to be costlierPetrol price may be reduced by about Re 1 per litre while diesel price may be hiked by 40-50 paisa a litre from March 15/16.

While petrol prices are being cut in step with falling international oil rates, diesel rate increase would be in line with the January decision to raise prices in small dozes every month till all of the Rs 11 per litre losses are eliminated.
 

praveen taneja

Well-Known Member
Fire from ice: A promising new energy source

Massive imports of oil and natural gasBSE -0.23 % have exacerbated India's big trade deficit, which is a hurdle to the acceleration of economic growth. Light at the end of the tunnel comes from a technological breakthrough last week by JOGMEC (Japan Oil Gas and Metals National Corporation ). It succeeded in extracting natural gas from sea-bed deposits of methane hydrate, popularly called " fire ice" because it is a white crystalline solid that burns. India has some of the biggest methane hydrate reserves in the world. It will reap a bonanza if technological progress allows gas to be extracted from hydrates economically and safely.

JOGMEC says it is contemplating commercial gas production maybe as early as 2016. Meanwhile China and the US have major programmes for exploration and experimental extraction. India, alas, is nowhere in the picture.

Estimates of global reserves are sketchy, but range from 2,800 trillion to 8 billion trillion cu.metres of natural gas. This is several times higher than global reserves of 440 trillion cu. metres of conventional gas. However, only a small fraction of hydrate reserves will be exploitable.
http://economictimes.indiatimes.com...ng-new-energy-source/articleshow/19014438.cms
 

praveen taneja

Well-Known Member
Seven major cos lose Rs 28,104 cr in market value last week



Dragged down by ICICI Bank, the combined market capitalisation of seven of the top 10 Sensex companies tanked by Rs 28,104 crore last week.

Market valuation of ICICI Bank dropped the most by Rs 8,249 crore to Rs 1,23,115 crore among seven bluechip companies, including ONGC, Infosys and HDFC Bank.

ONGC's market worth declined by Rs 5,476 crore to Rs 2,73,176 crore, while Infosys' market capitalisation (m-cap) dropped by Rs 4,967 crore to Rs 1,65,592 crore.

HDFC Bank saw an erosion of Rs 4,331 crore from its m-cap which fell down to Rs 1,51,611 crore.

Shares of ICICI Bank and HDFC Bank tumbled last week following accusations that the lenders have indulged in money laundering.

Software major TCS's market value plunged by Rs 2,594 crore to Rs 3,07,459 crore while RIL's declined by Rs 2,329 crore to Rs 2,73,014 crore.

The m-cap of Coal India fell by Rs 158 crore to Rs 2,02,123 crore.

On the other hand, ITC, SBI and HDFC saw rise in their market capitalisations last week.

In contrast, SBI's m-cap surged Rs 3,861 crore to Rs 1,51,766 crore, while ITC added Rs 3,393 crore to its market value which was Rs 2,38,344 crore at close last Friday.

The m-cap of mortgage major HDFC moved up by Rs 423 crore to Rs 1,25,662 crore.

The BSE benchmark Sensex fell by 1.29% to end the week at 19,427.56.
http://www.business-standard.com/ar...in-market-value-last-week-113031700034_1.html
 

praveen taneja

Well-Known Member
..Pak caretaker PM Khoso says holding fair polls his topmost priority:rofl::rofl::rofl::rofl::rofl:

Mar.24 (ANI): Pakistan's newly-named caretaker Prime Minister Justice (retired) Mir Hazar Khan Khoso on Sunday said that general elections to be held in May this year would be conducted according to the announced schedule, and added that fair and free elections is his topmost priority.
http://sg.news.yahoo.com/pak-caretaker-pm-khoso-says-holding-fair-polls-145613700.html

Jaisa Desh vaise naam ka PM waisa sapna:rofl::rofl:
 
Pope Francis, PONTIFF OF FIRSTS, breaks tradition

The newly elected Pope Francis has made history in more ways than one. Being dubbed as the 'Pontiff of Firsts', Jorge Mario Bergoglio is the first non-European leader of the world's 1.2 billion Catholics in more than 1,000 years.

An Argentine, he is first pope to be elected from Latin America.

Francis, who was the Archbishop of Buenos Aires, is the first pope not born in Europe since Columbus alighted in the New World.
Yes He is also the first Jesuit pope to be elected in history, who has openly embraced the poor & downtrodden , and has dropped the normal cardinal kiss on the papal ring, instead embraces all, indicating that he may be a evolutionary pope.
 

praveen taneja

Well-Known Member
आम बजट के 101 मुख्य अंश-
1-सिगरेट, सिगार, गुटखा, तंबाकू महंगे होंगे
2-कोल्ड ड्रिंक्स, बोतलबंद जूस महंगे होंगे
3-तेल साबुन, कंप्यूटर पार्ट्स सस्ते
4-एलसीडी, एलईडी टीवी सस्ते
5-मोबाइल फोन सस्ते हुए
6-रेडीमेड कपड़े, इंपोर्टेड कॉस्मेटिक्स महंगे
7-होमलोन की छूट सीमा 1.5 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई
8-आयकर मानक छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई
9-बुजुर्गों के लिए 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गई आयकर छूट सीमा
10-15 हजार से कम के मासिक वेतन पर पीएफ नहीं कटेगा
11-कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपये
12-युवा नेतृत्व कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपये
13-उत्तराखंड में हिमालय के अध्ययन केंद्र के लिए 100 करोड़
14-वाराणसी सारनाथ गया के बीच बौद्ध सर्किट बनेगा
15-गंगा के लिए बनेगा एनआरआई फंड
16-गंगा संरक्षण मिशन, नमामि गंगा के लिए 2037 करोड़
17-शहरों की विरासत बचाने के लिए 200 करोड़
18-राष्ट्रीय खेल अकादमियां बनाई जाएंगी
19-सरहदी इलाकों में रेल लाइन के लिए 1000 करोड़
20-जम्मू-कश्मीर में स्टेडियमों के लिए 200 करोड़
21-मणिपुर में खेलों के लिए 100 करोड़ रुपये
22-पीपीएफ में अब 1.5 लाख रुपये का निवेश संभव
23-सेना में वन रैंक वन पेंशन के लिए 1,000 करोड़ रुपये
24-युद्ध स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपये
25-बुनियादी क्षेत्र में लंबी अवधि के कर्ज को बढ़ावा
26-14 हजार किलोमीटर गैस पाइपलाइन बिछाने का लक्ष्य
27-8500 किलोमीटर नए नेशनल हाइवे बनेंगे
28-16 नए बंदरगाह प्रोजेक्ट
29-गंगा में इलाहाबाद के हल्दिया तक जहाज चलेंगे
30-वित्तीय क्षेत्र में एक केवाईसी नॉर्म होगा
31-हर परिवार का बैंक अकाउंट खोलने पर जोर
32-एक बैंक अकाउंट पर एक डीमैट अकाउंट का प्रस्ताव
33-चिटफंड कानून में सुधार का प्रस्ताव
34-कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए 5 हजार करोड़ रुपये
35-वाराणसी के बुनकरों के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड
36-राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों के लिए 37हजार करोड़
37-गंगा परियोजना के तहत जलमार्ग विकास होगा
38-सरकारी-निजी साझेदारी को बढ़ावा देंगे
39-हस्तकला अकादमी के लिए 30 करोड़ रुपये
40-अल्ट्रा मॉर्डन ताप बिजली तकनीक के लिए 100 करोड़
41-अत्याधुनिक सौर योजनाओं के लिए 500 करोड़
42-पश्मीना उत्पादन के लिए 50 करोड़
43-चार फीसदी कृषि दर हासिल करने का लक्ष्य
44-कमजोर तबकों को सस्ता चावल-गेहूं मुहैया कराना प्राथमिकता
45-किसान टेलीविजन के लिए 100 करोड़ रुपये
46-कृषि कर्ज के लिए आठ लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य
47-समय पर कृषि ऋण लौटाने वालों को 3 फीसदी की ब्याज छूट इस साल भी जारी रहेगी
48-किसानों को हेल्थ कार्ड के लिए 100 करोड़ रुपये
49-जलवायु परिवर्तन के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र
50-5 लाख किसान समूहों को नाबार्ड से मदद
51-500 करोड़ के महंगाई फंड का ऐलान
52-साफ पानी के लिए 3650 करोड़ रुपये
53-600 नए सामुदायिक रेडियो स्टेशन खोले जाएंगे
54-कृषि आधुनिकीकरण के लिए दो नए केद्रों पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
55-अहमदाबाद और लखनऊ में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये
56-मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये
57-गांवों में ब्रॉडबैंड के लिए डिजिटल इंडिया योजना
58-देश में पांच नए आईआईटी और पांच नए आईआईएम के लिए 500 करोड़ रुपये
59-नेशनल हाउसिंग बैंक योजना के लिए आठ हजार करोड़ रुपये
60-चार नए एम्स के लिए 500 करोड़ रुपये
61-बुजुर्गों के लिए एम्स में अलग से दो सेंटर
62-खाद और पेट्रोलियम सब्सिडी की समीक्षा होगी
63-नए शिक्षक प्रशिक्षण के लिए 500 करोड़ रुपये
64-नई यूरिया नीति का प्रस्ताव
65-प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 14 हजार करोड़ रुपये
66-ग्रामीण उद्यमिता के लिए 100 करोड़ रुपये
67-ईपीएफ योजना के तहत श्रमिकों के लिए न्यूनतम 1,000 रुपये की पेंशन
68-संस्थान बदलने पर भी कर्मचारियों का ईपीएफ खाता नंबर समान ही रहेगा
69-50 हजार करोड़ रुपये दलित योजना के लिए
70-बड़े शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय 150 करोड़ रुपये देगा
71-1,000 करोड़ रुपये से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत
72-500 करोड़ रुपये ग्राम ज्योति योजना के लिए
73-सरदार पटेल की मूर्ति के लिए 200 करोड़ रुपये
74-सीधे विदेशी निवेश के लिए कुछ रियायतें
75-2019 तक हर घर में शौचालय की योजना
76-7060 करोड़ रुपये नए शहरों के लिए
77-बीमा क्षेत्र में एफडीआई 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक
78-बैंकिंग व्यवस्था को और मजबूत करेंगे
79-रक्षा में एफडीआई को 49 फीसदी तक लाया जाएगा
80-हम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देंगे
81-रोजगार को बढ़ावा देने वाले उद्योग जरूरी
82-कालाधन देश की अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप, इसे खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे
83-चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कठिन, लेकिन मैंने इसे चुनौती के तौर पर स्वीकार किया है
84-अगले साल 3.6 फीसदी वित्तीय घाटा रखने का लक्ष्य
85-खर्च प्रबंधन आयोग बनाएगी सरकार
86-घरेलू कंपनियों को भी एडवांस टैक्स रूलिंग की सुविधा देने का प्रस्ताव
87-2015-16 में वित्तीय घाटा कम कर 3 प्रतिशत पर लाएंगे
88-दलितों और आदिवासियों को खाद्य संरक्षण भी देंगे
89-रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स नहीं लाने जा रही है सरकार
90-हम निवेशकों के अनुकूल टैक्स नीति लाएंगे
91-बीते दो सालों ने हमारी चुनौतियां बढ़ाई हैं
92-लगातार मंदी कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं में
93-विश्व अर्थव्यवस्था 3.4 प्रतिशत से बढ़ने की उम्मीद
94-भारतीय अर्थव्यवस्था को इन्हीं से रास्ता निकालना होगा
95-एनडीए के पहले बजट में मकसद नीति-निर्धारण
96-शुरुआती लक्ष्य 7-8 फीसदी वृद्धि दर
97-देश की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे
98-सबका साथ सबका विकास लक्ष्य पूरा करना
99-टैक्स जीडीपी अनुपात सुधारने की जरूरत
100-बुनियादी क्षेत्र और विनिर्माण में वृद्धि daर
 

praveen taneja

Well-Known Member
18 लाख करोड़ का है इस बार का बजट !
वैसे तो 1794892 (17 लाख 94 हजार 892) करोड़ का है
लेकिन हम मोटा-मोटा 18 लाख करोड़ मान लेते है
लेकिन ये बजट होता क्या है ??
आखिर क्या अर्थ है इस 18 लाख करोड़ रूपये का ??
तो मित्रो साधारण व्यक्ति की भाषा मे समझो बजट को !
____________________________________
आपका परिवार है परिवार चलाने वाले मुख्या को महीने की पहली तारीक को पगार मिलती
फिर वो तय करता है की इसे कहाँ-कहाँ और कितना कितना खर्च करना है !
ऐसे ही देश भी एक परिवार है देश चलाने वाली केंद्र सरकार को आम जनता tax के रूप मे पैसा देती है जिससे सरकार बजट बनाती है ! और तय करती है इसे कहाँ-कहाँ और कितना कितना धन खर्च करना है !
सामान्य रूप से देश मे 28 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा बजट पेश किया जाता परंतु इस बार चुनाव होने के कारण नई सरकार ने जुलाई मे बजट पेश किया है !
तो बजट है 18 लाख करोड़ का !
तो आप ऐसा समझ लीजिये की 28 फरवरी 2014 से अगले वर्ष 27 फरवरी 2015
तक ( एक वर्ष मे ) भारत की केंद्र सरकार देश मे 18 लाख करोड़ रूपये खर्च करेगी !
अगर 18 लाख करोड़ सरकार खर्च करेगी ,तो हम पहले ये जान ले की ये
18 लाख करोड़ सरकार ने कहाँ से जुटाया ??
तो मित्रो 18 लाख करोड़ मे से 1189763 ( 11 लाख 89 हजार 763 )
रूपये इस देश की जनता ने सरकार को tax दिया है !!
tax थोड़ा विस्तार से जान लीजिये ! (आंखड़े करोड़ मे )
_________________________
निगम कर -( Corporation Tax )---------> 451005 करोड़
आय कर - ( Taxes on Income )--------> 284266 करोड़
धन कर ( Wealth Tax)----------------> 950 करोड़
सीमा शुल्क ( Customs )-----------------> 201819 करोड़
केंद्रीय उत्पाद ( Union Excise Duties ) ----> 207110 करोड़
शुल्क
सेवा कर (Service Tax) -----------------> 215973 करोड़
संघ राज्य क्षेत्रों के कर ( Taxes of union )-----> 3401 करोड़
_____________________________________________
तो ये कुल सकल कर (Gross Tax Revenue )= 13,64,524 करोड़
फिर इसमे राष्ट्रीय आपदा (NCCD ) घटा दिया जाता है --> 5050 - करोड़
और फिर थोड़ा राज्यो का हिस्सा घटाया जाता है ---------->382216 _करोड़
और अंत भिन्न कर जोड़ा जात है------------------------> + 212505 करोड़
और अंत कुल घटा कर और जोड़ कर सरकार के पास पहुंचा 1189763 करोड़ !
तो 18 लाख करोड़ मे से 1189763 ( 11 लाख 89 हजार 763 )
तो सरकार ने जनता से tax से जुटाया !
________________________
इसके अतिरिक्त सरकार सरकारी उदमों को कुछ कर्ज देती है .उसकी वसूली करती है
जो Non-debt Receipts मे आता है तो वहाँ से आया है = 73,952 करोड़ !
तो मित्रो tax का हो गया 1189763 ( 11 लाख 89 हजार 763 ) करोड़
और उसमे आप Non-debt Receipts जोड़ लीजिये 73952 करोड़ !
तो कुल सरकार ने धन जुटाया 12,63,715 करोड़ !! जिसमे जनता ने tax दिया है
( 11 लाख 89 हजार 763 ) करोड़ !
______________________________________
लेकिन क्या आप जानते है? सरकार ने 12,19,892 ( 12 लाख 19 हजार 892) करोड़
रूपये Non-Plan Expenditure ( आयोजना भिन्न व्यय ) पर खर्च कर दिया ?
अर्थात आपका लगभग सारा tax का पैसा तो Non-Plan Expenditure
मे ही खर्च हो गया
_________________-__
ये Non-Plan Expenditure क्या होता है ???
Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने का
खर्चा ?
कैसी व्यवस्था ?
पुलिस की व्यवस्था ,सेना की व्यवस्था कानून की व्यवस्था ,न्याय की व्यवस्था ,प्रशासन की व्यवस्था ,संसद की व्यवस्था , 543 MP की पगारे ,प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ,उप राष्ट्रपतियों की पगारे,उनके महंगाई भत्ते ,सुरक्षा के खर्चे ,फोन के बिल ,हवाई जहाज के खर्चे ,अस्तपातालों के खर्चे , विदेशी यात्राओ के खर्चे , बिजली के बिल ,
(पिछले कर्जे के लिए व्याज पर खर्चा) , सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र बैंको मे काम करने वाले ,बीमा कंपनियो मे काम करने वाले ,डाक विभाग मे काम करने वाले ,आयकर विभाग मे काम करने उनकी मोटी-मोटी पगारे ,ऐसे अन्य public sector ! साल मे दो बार बढ़ता महंगाई भत्ता ,रिटायर्ड कर्मचरियों की पैनश्नों मे हर साल वृद्धि !!
और तो और सरकारी कर्मचारी तो 60 साल की आयु मे रिटायर्ड होता ! जबकि मंत्री एक बार चुनाव लड़े जीत जाए अगली बार लड़े हार जाए ,तो उसकी पेंशन लग जाती है सारी ज़िंदगी की ! चाहे कभी दुबारा चुनाव लड़े ना लड़े ! सरकार के खजाने से मुंह मारता रहते है वे नेता !
तो मित्रो आप समझ लीजिये इस देश की दुर्दशा की आपके द्वारा सारा साल
मे दिया गया direct tax और सुबह से शाम तक आप जो कुछ भी खरीदते
उसके माध्यम से दिया गया indirect tax जो की कुल ( 11 लाख 89 हजार 763 )
करोड़ है उससे भी 30 हजार करोड़ ज्यादा ( 12 लाख 19 हजार 892)
ज्यादा सरकार ने तो Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने
मे खर्च कर डाला !
आपके लिए देश के विकास के लिए तो सरकार के पास फूटी-कोड़ी भी नहीं है ??
_______________________
तो मित्रो अब आपके मन मे ये सवाल आएगा की बजट मे जो इतनी सारी घोषनाए हुई है
जो मीडिया मे भी दिखाई गई है की 100 करोड़ यहाँ खर्च होंगे,200 करोड़ वहाँ खर्च होंगे
500 crore यहाँ होंगे ,900 करोड़ वहाँ खर्च होंगे तो ये सब क्या है ??
तो इसके बारे मे भी आराम से जान लीजिये मित्रो ये क्या है ?
_________________________________
जैसा की आप जानते है की कुल बजट है 18 लाख करोड़ का है !
वैसे तो 17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ का है
जिसमे से 1189763 ( 11 लाख 89 हजार 763 ) तो सरकार ने जनता से tax से जुटाया ! इसके अतिरिक्त Non-debt Receipts से जो आया था = 73,952 करोड़
दोनों को जोड़ के तो कुल सरकार ने जो धन जुटाया वो
1263715 (12 लाख 63 हजार 715 ) करोड़ है !!
लेकिन बजट मे सरकार को जो खर्च करना है वो है
17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ !
सरकार ने कुल जुटाया 1263715 (12 लाख 63 हजार 715 ) करोड़
वो लगभग सबका सब Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने
मे खर्च कर डाला !
तो
17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ मे से
1263715 (12 लाख 63 हजार 715 ) करोड़ घटा दीजिये
तो बाकी 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ कहाँ से आया ??
तो ये मित्रो 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ सरकार ने
नया कर्ज लिया है !!
जी हाँ पूरे 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ कर्ज !!
और आपकी जानकारी के लिए कह दूँ हमारा देश पहले ही 55 लाख करोड़ के कर्जे मे
डूबा हुआ है इस बार 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ का नया कर्ज
लेने से देश पर कुल कर्ज 60 लाख करोड़ को पार कर गया है !!
इस कर्ज को 60 लाख करोड़ के कर्ज को 120 करोड़ की जनता मे
बांटे तो प्रति व्यक्ति 50000 रूपये कर्ज हो गया है जो आपको चुकाना है
आपकी आने वाली पीढ़ियो को चुकाना है !
_____________________________
मुझे आशा है अब आपको सारी बात समझ मे आ गई होगी !
की बजट मे कुल खर्चा सरकार को करना है वो है !
17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ !
सरकार ने जो कुल धन जुटाया था वो था 1263715 (12 लाख 63 हजार 715 ) करोड़
जो लगभग Non-Plan Expenditure अर्थात व्यवस्था (system ) को चलाने
मे ही खर्च कर डाला !
विकास के लिए फूटी-कोडी नहीं बची तो उसके लिए 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ कर्ज ले लिया !
और ऐसे बन गया 17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ का बजट !
अर्थात मोटा मोटा 18 लाख करोड़ का बजट !
___________________________
और मित्रो अब जो मैं बात लिखने जा रहा हूँ शायद पढ़ते ही आपके
रोंगटे खड़े हो जाए और हो सकता है पहली बार मे आप विश्वास ही ना कर पाये !
तो मित्रो जैसा की मैंने ऊपर बताया 17,94,892 (17 लाख 94 हजार 892 ) करोड़ के
खर्चो को पूरा करने के लिए सरकार ने 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़
नया कर्ज तो ले लिया लेकिन पुराना जो 55 लाख करोड़ कर्ज है तो उसका व्याज भी तो भरना है ??
तो मित्रो इस बार के बजट मे जो सबसे अधिक धन खर्च हुआ है
वो पिछले कर्जे का ब्याज भरने मे खर्च हुआ है ??
जैसे की आपने ऊपर पढ़ा की Non-Plan Expenditure मे पिछले कर्जे का ब्याज भी
आता है तो मित्रो इस बार सरकार ने आपके मेरे tax का 4,27,011 ( 4 लाख 27 हजार करोड़ ) तो पिछले कर्जे का ब्याज भरने मे खर्च कर दिया !!
सिर्फ ब्याज भरने मे 427011 ( 4 लाख 27 हजार करोड़ ) !
अर्थात मूलधन वही का वही खड़ा है और 427011 ( 4 लाख 27 हजार करोड़ )
ब्याज मे चला गया !
और 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ का नया कर्ज ले लिया !!
देश किस विकास की और बढ़ रहा है आप खुद अनुमान लगाइए मित्रो !!
_________________________
427011 ( 4 लाख 27 हजार करोड़ ) एक वर्ष का ब्याज भरना
आप इसका अर्थ समझते हैं मित्रो ??
427011 करोड़ को 12 से भाग (divide) करिये
तो जवाब आएगा 35584 करोड़ ( 35 हजार 584 करोड़ ) एक महीने का ब्याज !
एक महीने मे 30 दिन !
अब इस 35584 करोड़ ( 35 हजार 584 करोड़ ) 30 से भाग (divide) करिये !
तो आ जाएगा 1186 करोड़ ब्याज (एक दिन का ब्याज) !
अब इस 1186 करोड़ को 24 से से भाग (divide) कर दी जिये
तो आएगा 49 करोड़ (एक घंटे का ब्याज )!
एक घंटे मे 60 मिनट ! तो कर दीजिये 49 करोड़ को 60 से भाग (divide) !!
तो आ जाएगा 81,66,666 ( 81 लाख रूपये एक मिनट का ब्याज ) !
एक मिनट मे 60 सेकेंड ! तो कर दी जिये 81 लाख को 60 से फिर भाग (divide) !
तो आ जाएगा 135000 ( 1 लाख 35 हजार रूपये ) 1 सेकेंड का ब्याज !
____________________________________
सोचिए मित्रो सोचिए !जो देश प्रति सेकेंड 1 लाख 35 हजार रूपये का पुराने कर्जे का ब्याज भर रहा है वो किस विकास की और बढ़ रहा है ??
गंभीरता से सोचिए ! क्यों बिना कुछ जाने आप सरकारो की अंधभक्ति करने मे लगे है !
क्योंकि आपके लिए देश पीछे छूट गया है ? और सरकारे और नेता आपके लिए बड़े हो गए हैं
क्यों कल तक जो चीज आपको विनाश दिखती थी आज आपको विकास दिख रही है ??
आप सब जानते है की आप मे से बहुत से लोगो को बजट का अर्थ तक नहीं मालूम
तो फिर क्यों मात्र मीडिया मे दिखाई योजनाओ को ही बजट समझते है ??
और क्यों सिर्फ उन योजनाओ की घोषणाओ का ही गुणगान करते जा रहे है ???
जबकि वास्तविकता मे कुछ भी नहीं बदला है !
__________________________________
अगर आप पिछले 2 मिनट से मेरी ये post पढ़ रहे तो समझ लीजिये
प्रति मिनट 81 लाख रूपये ब्याज के हिसाब से 1 लाख 62 हजार रूपये तो
पिछले कर्जे के ब्याज मे चला गया
किस भारत मे जी रहे है हम कल्पना करिए ?
क्यों इस देश की सरकारे विनाश को विकास बता रही है ?
गंभीरता से विचार करिये मित्रो गंभीरता से !!
_____________________________________
अब जो 531177 ( 5 लाख 31 हजार 177 ) करोड़ का नया कर्ज लेकर विकास
की योजनाओ की घोषणा हुई है उसमे भी देश को क्या मिलने वाला आपको एक उदाहरण से स्पष्ट कर देता हूँ !!
देश की कुल आबादी 120 करोड़ है जिसमे 52 % संख्या किसानो की है !
अर्थात आधी आबादी 62 करोड़ देश मे किसान है खेती से जुड़े है !!
इस बजट मे Agriculture and Allied Activities ( कृषि और सम्बद्ध क्रियाकलापों )
के लिए मात्र 11531 करोड़ रूपये रखे गए है !!
अर्थात 62 करोड़ किसानो के लिए 11531 करोड़ रूपये !
11531 करोड़ को 62 करोड़ किसानो मे बांटो !
अर्थात 185 रूपये प्रति किसान सरकार बजट मे से खर्च करेगी वो भी एक वर्ष मे !!
वैसे तो 11531 करोड़ मे सरकार द्वारा बजट मे लिए गए कर्जे के ही है !!
तो सोचिए मित्रो मात्र 185 रूपये प्रति वर्ष एक किसान के लिए
और वो भी तब अगर बिना किसी भ्रष्टाचार के खर्च किए जाए !!
एक वर्ष मे मात्र 185 रूपये एक किसान के ऊपर खर्च करके सरकार किसानो की
क्या हालत सुधारेगी किसानो का क्या विकास करेगी !
आप कल्पना कर सकते हैं मित्रो
जो किसान पूरे देश का पेट भरता है वो खुद भूख से मरता है
आत्मह्त्या करता है !
जिसके घर की छत टपकती है वो खुद बारिश का इंतजार करता है !!
ऐसी ही सरकार ने सिंचाई (Irrigation and Flood Control )की व्यवस्था के लिए
1797 करोड़ खर्च करेगी !!
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्ष्ण की रिपोर्ट का एक हिस्सा पढ़िये !!
देश 12 करोड़ हेकटियर ऐसी जमीन है जहां अभी खेती होती है 2007 तक ये
17 करोड़ हेकटियर थी !
तो आप कहेंगे 5 करोड़ हेकटियर कृषि जमीन कहाँ गई ??
ये 5 करोड़ हेकटियर जमीन सरकार ने SEZ ( special economic zone )
नाम पर बड़ी- बड़ी कंपनियो को देदी ! और कुछ यूरिया ,DAP डालने से बिलकुल
बंजर हो गई ! अब 12 करोड़ हेकटियर जमीन ही बची है कृषि के लिए !
उसमे से मात्र 5 करोड़ हेकटियर जमीन पर ही सिंचाई की व्यवस्था है !
बाकी 7 करोड़ हेकटियर आधी से अधिक जमीन पर खेती सिर्फ भगवान भरोसे है
अर्थात बारिश हो गई तो फसल आ जाएगी ,बारिश नहीं होगी तो फसल मर जाएगी !!
और अगर एक महीना देरी से बारिश हुई तो बीज जो खेत मे डाला हुआ है पूरी तरह खराब हो जाएगा तो ऐसे हालत है देश मे सिंचाई की !!
ऐसे मे सरकार ने मात्र 1797 करोड़ रूपये सिंचाई के लिए रखे !
अर्थात प्रति किसान 28 रूपये प्रति वर्ष सिंचाई के लिए सरकार खर्च करेगी !!
आप खुद अनुमान लगा लीजिये मात्र 28 रूपये प्रति वर्ष एक किसान के खेत मे सरकार
क्या सिंचाई की व्यवस्था कर पाएगी ?? क्या उसका विकास कर पाएगी !!
हर वर्ष 1 करोड़ 80 लाख नये बच्चे देश मे जन्म ले रहे है एक देश है उसका नाम है नीदरलैंड उसकी आबादी 1 करोड़ 70 लाख है अर्थात हर वर्ष 1 नीदरलैंड हमारे बीच जुड़ जाता है !
1 करोड़ 80 लाख ने नये मुंह रोटी के लिए खुल जाते है इस देश मे ! ऐसे मे आज हम
बजट मे किसानो के लिए कृषि की व्यवस्था नहीं करेंगे सिंचाई की व्यवस्था नहीं करेंगे
खेती की जमीन SEZ के नाम पर देते जाएंगे तो कल अनाज के लिए फिर
हमको विदेशियों से भीख मांगनी पड़ेंगी !! जैसे किसी समय अमेरिका से PL 49 के नाम से सड़ा हुआ गेहूं आता था जिसे अमेरिका मे सूअर भी नहीं खाते थे वो हम भारतीयो को खाना पड़ता था ! वो तो भाषा वो शास्त्री जी का जिनहोने इसे रुकवाया देश मे अन्न उत्पादन बढ़ाया !
_______________________________________________________
तो मित्रो देश की जनता के लिए चल रही ये सारी व्यवस्था,प्रशासन अपने ऊपर 12 लाख करोड़ रूपये खर्च कर रही और देश की आधी आबादी 62 करोड़ किसानो के लिए मात्र 11531 करोड़ रूपये वो भी कर्जा लेकर ! और वो भी 185 रूपये प्रति किसान
ये विकास हो रहा है या विनाश गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !
______________________________
सरकार एक और बात कहती है की प्रतिवर्ष लगभग 70 हजार करोड़ की सबसिडी
किसानो के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है !
सुनने मे कितना अच्छा लगता है किसानों को
70 हजार करोड़ की सबसिडी !
लेकिन दी कैसे जाती है वो जान लीजिये !
दरअसल सबसिडी यूरिया ,डीएपी ,जैसे जहरीले खाद और कीटनाशक बनाने वाली कंपियों को दी जाती ताकि वो किसानों को जहर सस्ते मे बेचे ,जिसे वो अपने खेतो मे डाले ,कर्जे मे दबे, खुद आत्महत्या करे बाद मे वो फल सब्जियाँ खाकर लोग बीमार पड़े ,फिर विदेशी दवा
कंपनियो को फाइदा और फिर देश की आम जनता भी मरे !
आपके ही tax का पैसा आपको मारने के लिए किसान को मारने के लिए
खर्च होता है
लेकिन ये 70 हजार करोड़ किसानों को गाय के गोबर-गौ मूत्र से खेती करने
के लिए नहीं खर्च किया जा सकता !!
गौ ह्त्या रोकना तो दूर आपके tax के पैसे से कत्लखानो को सबसिडी दी जाती है !
इससे अधिक शर्मनाक ,और नीच बात क्या होगी
ये विकास हो रहा है या विनाश गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !
___________________________________
आर्थिक सर्वेक्ष्ण की रिपोर्ट मे कहा गया है हर वर्ष 60 से 65 लाख बच्चे
ग्रेजुएशन करके निकल रहे है और 30 से 35 लाख हाई सेकेन्डरी करके निकल रहे हाई
ऐसे मे प्रति वर्ष 1 करोड़ नए रोजगार चाहिए ! जबकि इसके उल्टा 30 लाख रोजगार खत्म हो
रहे हाई ऐसे मे नए रोजगार की व्यवस्था कैसे होगी ??
पैसा कर्जे का ब्याज भरने और व्यवस्था चलाने मे खर्च हो गया हाई !!
ये विकास की तरफ हम बढ़ रहे हाई या विनाश की तरफ ??
_________________________________________________
रक्षा बजट मे सरकार ने 5000 करोड़ और बड़ा दिये !
क्या होगा मात्र 5000 करोड़ बढ़ाने से ???
एक अग्नि 5 मिसाईल जो भारत ने बनाई है जो 5000 किलो मीटर तक मार
कर सकती है उसकी लागत 2500 करोड़ रूपये प्रति मिसाईल है !
तो सोच लीजिये 5 हजार करोड़ से साल मे गिनती की 2 मिसाईल बनेगी
वो भी तब जब 5 हजार करोड़ पूरी ईमानदारी से खर्च किया जाएगा !
ऊपर से रक्षा क्षेत्र मे 49% FDI की मंजूरी दे दी गई है
26% मनमोहन सिंह ने दी थी इनहोने बढ़ा कर 49 % कर दी !
आपकी जानाकारी के लिए कह दूँ ये 49 % FDI technology transfer मे नहीं
मात्र पूंजी निवेश आ रही है !
तो क्यों बुला रहे है विदेशियों को पूंजी निवेश के लिए ??
क्योंकि हमारे पास पूंजी नहीं है !
कहाँ गई पूंजी ??? 1 लाख 35 हजार रूपये प्रति सेकेंड को कर्जे
का ब्याज भरा जा रहा है वहाँ चली गई
12 लाख करोड़ व्यवस्था चलाने मे जा रहा है तो वहाँ चलेगी !!
_________________________________________
तो मित्रो देश की सरकारे तो कर्जे का ब्याज भरने और व्यवस्था चलाने मे आपके tax का सब धन खर्च कर रही है किसानो और सीमा पर खड़े जवानो को क्या मिल रहा है
आप खुद अनुमान लगा लीजिये !
ये विकास हो रहा है या विनाश फिर गंभीरता से सोचना मित्रो गंभीरता से !!
__________________________________________
और अंत एक और घोषणा हुई इस बजट मे !!
तंबाकू ,गुटका ,सिगरेट cold drink आदि पर tax बढ़ा दिया !
और सरकार द्वारा बोला जा रहा है की इससे नशे की खपत कम होगी !!
आप जानते है जिसे नशे की लत्त लग जाए वो घर बर्तन ,पंखा समान आदि बेच कर भी नशा करेगा चाहे जितना मर्जी महंगा कर दीजिये !
जबकि सच ये है की अगर सरकार की नियत सच मे इनकी खपत कम करने की
है तो क्योंकि नहीं इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध ही लगा देती ??
ना रहेगा बांस और ना बजेगी बंसी !!
लेकिन सरकार को तो ये करना ही नहीं है !! असली कारण ये है की
बजट 18 लाख करोड़ का है पैसा सरकार ने लगभग 12 लाख करोड़ जुटाया !
5 -6 लाख करोड़ कर्ज लिया (जो राजकोषीय घाटा है ) अभी उसे पूरा करने या
कम करने के प्रयास मे इधर-उधर से धन जुटाने मे लगी है इसीलिए यहाँ
tax बढ़ा दिया है ! जबकि व्यवस्था चलाने का खर्च कम नहीं करेगी !!
साल मे 2 -2 बार महंगाई भत्ते बढ़ाएगी !
____________________________
मित्रो क्या आपने कभी ये खबर सुनी या पढ़ी?? की ये नेता भूख से मर गया ??
एक बात याद रखना मित्रो आजतक कोई भी नेता इस देश मे भूख से नहीं मरा है
भूख से इस देश का किसान ,जवान और आम आदमी ही मरा है !
नेता कभी भूख से नहीं मरा !
अगर ये नेता संकल्प ले ले की जब तक देश की आर्थिक हालत सुधार नहीं जाती तब
तक 3 -4 साल पगार नहीं लेंगे तो क्या आफत आ जाएगी ??
सरकारी कर्मचारी पहले से ही इतनी इतनी पगार पाते है और सरकार साल मे दो बार महंगाई भत्ता क्यों बढ़ा देती है ??
क्या महंगाई सिर्फ 3 साढ़े 3 करोड़ सरकारी कर्मचारियो के लिए ही बढ़ती है ??
120 करोड़ जनता से tax वसूल कर मात्र 2 से 3 करोड़ लोगो के लिए साल मे दो
बार महंगाई भत्ते बढ़ाना कौन सी समझदारी है ???
अगर इन सब फालतू खर्चो को कुछ वर्ष के लिए बंद कर दिया जाए ऐसा करने से इतना भला देश का हो जाएगा आप कल्पना नहीं कर सकते !बचा हुए पैसे से हम रक्षा बजट बढ़ाएँगे ,किसानो पर लगाएंगे कृषि पर लगाएंगे ,सिंचाई पर लगाएंगे !!
गौ ह्त्या को रोक कर सरकार किसानो को गोबर और गौ मूत्र से खेती करना सिखाये ! जैसे भारत मे हजारो वर्षो से की जाती है !इससे क्या लाभ होगा ?? गोबर गौ मूत्र से खेती का खर्चा लगभग शून्य ही होता है तो किसान का खर्चा कम हुआ तो उसकी आय बढ़ जाएगी !!
वो आत्मह्त्या नहीं करेगा !!
और सरकार जो 70 हजार करोड़ की सबसिडी जहर बनाने वाली कंपनियो को दे रही है
वे बच जाएगी !! वो 70 हजार करोड़ हम कहीं और खर्च करेंगे ! आपको खाने मे यूरिया DAP वाला भोजन नहीं मिलेगा तो आप बीमार कम पड़ेंगे ! बीमार कम पड़ेंगे तो दवा बनाने वाली कंपनियो को पैसा नहीं जाएगा तो वो पैसा आप किसी और कार्य मे लगाएंगे तो पूंजी की कमी नही आएगी !!
इसके अतिरिक्त आप विदेशी कंपनियो के माल जितना हो सके बहिष्कार करिए
हर साल 5500 विदेशी कंपनियाँ लाखो ,करोड़ रुपए की पूंजी देश से लूट कर अपने देश ले जाती है ! हम गरीब हो रहे है देश मे पूंजी की कमी आ रही है वो पूंजी आप बचाए !! स्वदेशी अपनाये !
देश मे बहुत ही गौशालाएँ गौ उत्पाद बनाती है जैसे साबुन ,मंजन ,दूध से क्रीम ,दूप , बर्तन साफ करने के लिए भस्म ,शेम्पू आदि आप अगर वो समान खरीदे गए तो गौ शालाए इस देश मे मजबूत होंगी !
आप फलो का रस ,गन्ने का रस पिएंगे तो पैसा विदेशी कंपनियो की जगह किसानो को जाएगा ! किसान समृद्ध होगा ! चीनी की जगह गुड़ खाएं , गुड़ से किसानो को लाभ होता है गुड़ किसान खुद बनाता है चीनी से चीनी मिलो को लाभ होता है जो की हरामखोर नेताओ की है
आप अपना पैसा देश मे चल रह विदेशी बैंको की जगह सरकारी बैंको मे रखे इस भी देश को बहुत ही लाभ होगा !
सरकार विदेशो मे जमा 220 लाख करोड़ का काला धन वापिस लाये और उससे 60 लाख करोड़ का कर्ज उतारे कर्ज उतरते ही इस देश का 1 रुपया 1 डालर बराबर हो जाएगा !!
क्योंकि जब जब आप world BANk,IMF से कर्ज मांगने जाते है आपको अपनी रुपए की
कीमत डालर की तुलना मे कम करनी पड़ती है ! और कितनी गिरानी पड़ेगी ? इसका कोई फार्मूला नहीं है World bank IMF जितना बोलता है उतना सरकार गिरा लेती है !
1947 को देश आजाद हुआ 1 रुपया 1 डालर बराबर था ! 1952 मे पहला बजट नेहरू ने कर्ज लिया और एक डालर 7 रूपये का हो गया और फिर ये सिलसिला चलता रहा और आज 1 डालर 60 रूपये का हो गया है !!
कर्ज उतरते ही 1 रुपया 1 डालर हो जाएगा इससे होगा ये जो भी चीज आप विदेशी से खरीद रहे है जिसका भुगतान (payment आप ) डालर मे करते है वो सब की सब चीजे 60 गुणा सस्ती हो जाएगी !
अर्थात पूरे भारत का कुल आयात total import ( 60 गुणा सस्ता हो जाएगा )
मान लीजिये बाहर से आयात की हुई किसी वस्तु की कीमत 20 $ डालर है
तो आज आप 1 रुपया 60 डालर के हिसाब से 20 डालर के 1200 रूपये देते है !
कल अगर 1 डालर 1 रूपये के बराबर हो जाए तो अर्थात 20 डालर 20 रूपये के बराबर
जो जाएंगे तो आपको 20 डालर के समान के लिए 20 रूपये ही देने पड़ेंगे !! 60 गुणा आयात सस्ता !
जो पट्रोल आपको 80 रूपये लीटर मिल रहा है वो आपको 1 रुपया 50 पैसे लीटर मिलेगा !!
या तो ब्राज़ील की तरह सरकार world bank ,IMF के खिलाफ बगावत कर दे की
मैं आपका कोई कर्ज वापिस नहीं दूंगा ! क्योंकि उससे ज्यादा तो मैं ब्याज दे चुका हूँ !
और मेरे देशी की मुद्रा का रेट डालर के मुक़ाबले क्या होगा ये मैं खुद तय करूंगा आप नहीं !!
__________________________________________
तो अंत मित्रो ये थी पूरी बजट की वास्तविकता जो आपने पूरी पढ़ी ! और इसके अतिरिक्त
देश के बारे मे और बहुत से बाते जानी इसके लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद !!
अब हम क्या करे मोदी को गलियाँ दे ??
मैं भी देता हूँ आप भी दीजिये और फिर देखा देखी कुछ और लोग भी देंगे
फिर क्या होगा एक दिन मोदी को हटाकर किसी और को ले आएंगे ?
फिर वो भी सत्ता मे आकार ये ही काम करेगा फिर उसे हटा कर किसी और को लाएँगे !
तो मित्रो ये काम तो 67 साल से देश मे चल ही रहा है बार बार हम सरकारे ही तो बदल रहे है
तो अब समय आ गया है जब हम सत्ता नहीं व्यवस्था बदले अर्थात पुराने अँग्रेजी कानूनों और गलत नीतियो को बदले ,उसकी जगह नई नीतियाँ भारत और भारतीयता के अनुसार बनाये ! इस बार सत्ता परिवर्तन नहीं व्यवस्था करना है मित्रो ! मूल समस्या नीतियो मे गलत कानूनों मे है !! अर्थात समस्या गाड़ी मे है और हम ड्राईवर बदल रहे है गाड़ी ठीक नहीं कर रहे !!
तो मित्रो व्यवस्था बदलवाने के लिए इसी पूर्ण बहुमत वाली सरकार पर दबाव बनाइये !
लोगो को मूल समस्याओ के बारे मे अवगत कर वाये !!
ये post share करे अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाये !
ताकि वो जागरूक हो और ये सब काम करवाने के लिए हमारे साथ ज्यादा लोग जुड़े और हम बार बार सरकार बदलने की बजाय उस पर दबाव बनाकर ही ये सब कार्य करवाएँ !!
व्यवस्था परिवर्तन करे !
वन्देमातरम !
 

Similar threads